Tuesday, June 9, 2020

४५ . कार्यकर्ता भावना है कार्यकर्ता साधना

४५ . कार्यकर्ता भावना है कार्यकर्ता साधना 

कार्यकर्ता भावना है कार्यकर्ता साधना 
कार्यकर्ता तो स्वयं ही पुष्प भावार्चना 
मातृभू की वंदना कर मातृभू की वंदना ।।धृ ०।।

ध्येय अपना है सुनिश्चित धारणा ध्रुव तारकासी 
पूर्वजोंके वीरव्रत की प्रेरणा नित पूर्णिमासी 
धर्म के आधार पर ही कर विजय की योजना ।।१।।

संघभूमि उर्वरा है बो दिया निज को धरा में 
फैलती शाखा प्रशाखा उभर आया तरु गगन में 
फूल फल से बिनत तरु के शक्ति की नव सर्जना ।।२।।

मैं नहीं तुम ही निरंतर मंत्र जपता कार्यकर्ता 
कंटकोंसे पूर्ण पथपर सहज चलता कार्यकर्ता
कार्यकर्ता जानता है हर ह्रदय संवेदना ।।३।।

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