हो जाओ तैय्यार साथियों, हो जाओ तैय्यार ||धृ ० ।।
अर्पित कर दो तन-मन-धन, मांग रहा बलिदान वतन
अगर देश के काम न आए तो जीवन बेकार || १ ||
सोचने का समय गया, उठो लिखो इतिहास नया
बंसी फेंक और उठा लो अपने हाथो में हथियार || २ ||
तूफानी गति रुके नही, शीश कटे पर झुके नही
तने हुए माथे के सम्मुख ठहर न पाती हार || ३ ||
काँप उठे धरती अम्बर, और उठा लो ऊंचा स्वर
कोटि कोटि कंठों से गूंजे भारत की जयकार || ४
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