वीर केशव आये थे हमको जगाने के लिए
हत-भाग्य हिन्दू राष्ट्र को फिर से उठाने के लिए ।।धृ०।।
घनघोर औ काली घटाएं दासता की भेद कर
स्वतंत्रता का सूर्य फिरसे जगमगाने के लिए ।।१।।
फिर से गरमा कर हमारी नाड़ियों के रक्त को
देश की बलिवेदी पर मरना सिखाने के लिए ।।२।।
देश के सच्चे हितैषी बन यहाँ अये थे तुम
हिन्दुओं की दुर्दशा पर तड़फड़ाने के लिए ।।३।।
संघटन की नींव पर शुभ संघ का निर्माण कर
देश की जाती हुई इज्जत बचाने के लिए ।।४।।
वीरता गंभीरतायुत आपका जीवन विभो
पथ-प्रदर्शक हो हमें आगे बढ़ाने के लिए ।।५।।
नाम दुनिया में अमर कर जायं मरकर देश पर
इतिहास हिन्दुराष्ट्र का फिर से सजाने के लिए ।।६।।
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