Friday, June 26, 2020

९१ . ये शहीदों की जय हिन्द बोली

९१ . ये शहीदों की जय हिन्द बोली 

ये शहीदों की जय हिन्द बोली 
ऐसी वैसी ये बोली नहीं है 
इनके माथे पे  खून का टीका 
देखो देखो ये रोली नहीं है ।।धृ०।।

सर कटाऊं जवानोंको लेकर 
चल पड़े वो हमीरा के आगे 
हम हैं संतान राणा शिवा की 
कायरों की ये टोली नहीं हैं ।।१।।

चल दिया जब जरा हसते हसते 
माँ की ममता तड़प करके बोली 
आओ सो जाओ लाल मेरी गोद में 
अब तेरे पास गोली नहीं है ।।२।।

अलविदा जानेवाले शहीदों 
खून की सुर्ख पगड़ी पेहेनकर 
खून की आज बौछार देखी 
आज रंगों की होली नहीं हैं ।।३।।

संघपर आँख दिखलानेवाले 
भस्म हो जायेंगे सारे दुष्मन 
ये भला है की अबतक हमने 
तीसरी आँख खोली नहीं है ।।४।। 

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