पिता वारया ते लाल चारो वारे
ओ हिन्दु तेरी शान बदले ।।धृ०।।
ओ हिन्दु तेरी शान बदले ।।धृ०।।
जनम गुरांदा पटन साहिबदा
आनन्दपुर डेरा लाया ।।१।।
पिता जिन्हांदे तेग बहादुर
माँ गुजरी दा जाया ॥२।।
हेट गुरांदे नीला घोडा
हथ बिच बाज सुहाया ॥३।।
चलो वीरो चल दर्शन करिये
गुरू गोविन्द सिंह आये ॥४।।
"हेट" का क्या तात्पर्य है?
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