जागो तो इक बार हिँदू जागो रे ॥ध्रु.॥
जागे थे जब वीर शिवाजी । भाग गये सब मुल्ला काझी ॥
चमक उठी तलवार जागो रे..॥१॥
जागी थी झांशी की राणी । खूब लढी पर हार न मानी ॥
मचा दिया संग्राम जागो जागो रे..॥२॥
जागे थे जब प्रताप राणा । दिखा दिया रजपूती बाणा ॥
हुआ महासंग्राम जागो जागो रे..॥३॥
जागे थे गुरुगोविँद प्यारे । सत्श्रीअकाल लगे थे नारे ॥
बचा दिया गुरुद्वार जागो जागो रे..॥४॥
जागे थे जब वीर शिवाजी । भाग गये सब मुल्ला काझी ॥
चमक उठी तलवार जागो रे..॥१॥
जागी थी झांशी की राणी । खूब लढी पर हार न मानी ॥
मचा दिया संग्राम जागो जागो रे..॥२॥
जागे थे जब प्रताप राणा । दिखा दिया रजपूती बाणा ॥
हुआ महासंग्राम जागो जागो रे..॥३॥
जागे थे गुरुगोविँद प्यारे । सत्श्रीअकाल लगे थे नारे ॥
बचा दिया गुरुद्वार जागो जागो रे..॥४॥
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