Sunday, December 17, 2023

१७८ सद्विचार की नीव हमारी, शिव संकल्पित आज बनें

१७८  सद्विचार की नीव हमारी, शिव संकल्पित आज बनें 


सद्विचार की नींव हमारी, शिव संकल्पित आज बनें 

ईश्वरीय है कार्य हमारा, निमित्त बन हम कार्य करें ||धृ०||

हमे पता है मार्ग हमारा, कंटकमय और दुर्गम है 

विश्वास सदा रहा है मन में, यही हमारा संबल है 

चलते चलते लक्ष्य प्राप्ति हित, मार्गक्रमण हम करते हैं ||१|| 

सत्ता पद की चकाचौंध में, मार्ग कहीं हम ना छोडे 

साधन को ही साध्य मानकर, ना भूलें और ना भटकें 

ना हम थकते, ना हम रुकते, मार्गक्रमण हम करते हैं ||२||

धन्य हुआ है जीवन अपना, मातृभूमि की सेवा में, 

भारत हि है ईश्वर अपना, पूजा के हम दीप बने 

राष्ट्रयज्ञ के साधक बनकर, मार्गक्रमण हम करते हैं ||३|| 

No comments:

Post a Comment