Wednesday, October 25, 2017

१८. संघटन गढे चलो सुपंथ पर बढे चलो ।

१८. संघटन गढे चलो सुपंथ पर बढे चलो ।

संघटन गढे चलो सुपंथ पर बढे चलो ।
भला हो जिसमें देश का वो काम सब किये चलो ॥धृ॥

युग के साथ मिलके सब कदम बढाना सीख लो ।
एकता के स्वर में गीत गुनगुनाना सीख लो
भूल कर भी मुख में जाती-पंथ की न बात हो
भाषा प्रांत के लिये कभी न रक्त पात हो
फूट का भरा घडा है फोड कर बढे चलो॥१॥

आ रही है आज चारों ओर से यही पुकार
हम करेंगे त्याग मातृभूमि के लिये अपार
कष्ट जो मिलेंगे मुस्कुराते सब सहेंगे हम
देश के लिये सदा जियेंगे और मरेंगे हम
देश का हि भाग्य अपना भाग्य है ये सोच लो ॥२॥

No comments:

Post a Comment